SIDH KUNJIKA NO FURTHER A MYSTERY

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्

न सूक्तं नापि ध्यानं च, न न्यासो न च वार्चनम्।।

अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।

देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

इश्क के जाल में फंसाकर चल रहा ठगी का खेल, जानें क्या है इससे बचने का तरीका?

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।

Salutations to your one who is angry, salutations on the killer of Madhu, Salutations to at least one who was victorious over Kaitabha, salutations towards the killer of Mahisha  

कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।

सां सीं सूं click here सप्तशती देव्या मंत्र सिद्धिं कुरुष्व मे॥

मां दुर्गा की पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. सुबह-शाम जब भी आप ये पाठ करें तो स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और फिर इसे शुरू करें.

हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जंभनादिनी ।

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